113 वॉ बिहार दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं : मैं बिहार हूं।
113 वॉ बिहार दिवस विशेष : मैं बिहार हूं।
कभी सबके पाप हरन करूं मैं, कल-कल बहती गंगा हूं,
कभी मिथिला चित्रकला दिखाऊं,
मैं जिला दरभंगा हूं।
कभी गांधी के आंदोलन का,
मैं शहर चम्पारण हूं।
कभी नालंदा विश्वविद्यालय सा,
ज्ञान ज्योति उदाहरण हूं।।
कभी मुजफ्फरपुर के लीची का,
मैं अद्भुत मिठास हूं,
कभी पटना गुरुद्वारा साहिब का,
मैं धर्म पर्व प्रकाश हूं।
कभी सीतामढ़ी में जन्मी,
जगजननी में सीता हूं,
कभी खुदा बख्श पुस्तकालय का, वेद पुराण और गीता हूं।।
कभी पटना के फुटपाथ की,
लिट्टी चोखा की प्याली हूं,
कभी छठ पूजा के रूप में,
मैं सूर्य देव की लाली हूं।
कभी वैशाली नगरी की,
मैं बुद्ध स्तूप पहचान हूं,
कभी लखीसराय शहर का, रसगुल्लों का खान हूं।।
कभी खगड़िया नगरी की,
मैं मां कात्यायनी पहचान हूं।
कभी पाटलिपुत्र का मैं,
जीरो निर्माता आर्यभट्ट हूं,
कभी सीवान का राजेंद्र प्रसाद, विख्यात में सर्वत्र हूं।
कभी कभी स्वयं में ही,
मैं एक छोटा संसार हूं,
बखान मेरा कर रहा "प्रवीण",
मैं तो बस "बिहार" हूं।।
बिहार दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
विजय कुमार चौधरी
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