पटना एम्स में भर्ती मरीज के लिए खगड़िया से पटना जाकर प्लेटलेट्स डोनेट किया

पटना एम्स में भर्ती मरीज़ के लिए खगड़िया से पटना जाकर किया प्लेटलेट्स डोनेट 

चर्चित इंडिया न्यूज़ / विजय कुमार चौधरी  / अस्पताल में जिंदगी व मौत से जूझ रहे मरीज़ को जब डॉक्टर रक्त चढ़ाने की बात करते है तो अपने लोग भी मुकर जाते है लेकिन कुछ लोग उस स्थिति में फरिश्ता बन के आते है और जीवन बचाते है।

हसनपुर निवासी समाजसेवी रामनारायण मंडल जी उर्फ बच्ची मंडल जी ने बताया कि पटना एम्स में ईलाजरत मरीज़ को प्लेटलेट्स की जरूरत थी जिसकी सूचना जयमंगला वाहिनी परिवार,बेगूसराय के मीडिया प्रमुख सुमित कुमार और दरभंगा की रक्तवीरांगना स्मिता वर्षा झा के द्वारा आमजन सेवा समिति,बिथान,समस्तीपुर संस्था के संस्थापक सुबोध यादव को मिली,जानकारी मिलते ही उन्होंने अपने मित्र दीपक जायसवाल से संपर्क किया,उसके उपरांत वो हरिपुर,खगड़िया से पटना एम्स जाकर  के प्लेटलेट्स डोनट किया। 

प्लेटलेट्स डोनेट करते हुए दीपक जायसवाल ने कहा कि ये उनके जीवन का पहला प्लेटलेट्स डोनेशन है।साथ ही उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से हमलोग रक्तदान कर जीवन बचाते है उसी प्रकार से प्लेटलेट्स डोनेट कर लोगों का जीवन बचाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ ये हमारे लिए सौभाग्य की बात हैं।साथ ही उन्होंने अपील किया किया कि जीवन बचाने का जब भी मौका मिले उसमे अपनी भूमिका जरूर निभाये।

मीडिया प्रमुख सुमित शर्मा ने बताया कि पूरी दुनिया में सबसे दुर्लभ रक्त समूह है बॉम्बे रक्त समूह,नन्ही अलीशा को अभी तक 7 यूनिट प्लेटलेट्स चढ़ चुका है जिसमे 5 यूनिट प्लेटलेट्स जयमंगला वाहिनी परिवार बेगूसराय के रक्तवीर सुमित कुमार ने प्लेटलेट्स डोनेट किया,एक यूनिट पटना के अमित कुमार और एक यूनिट हमारे रक्तवीर प्रशांत जायसवाल के द्वारा पटना एम्स में डोनेट किया गया।

खबर की जानकारी देते हुए आमजन सहायक संस्था के संस्थापक सुबोध यादव ने कहा कि रोहतास की रहने वाली अलीशा प्रवीण के लिए खगड़िया के हरिपुर निवासी दीपक जायसवाल ने पटना एम्स जा के प्लेटलेट्स डोनेट किया।

संस्था के सचिव राजू यादव और उपसचिव त्रिभुवन यादव ने कहा कि प्लेटलेट्स डोनेट करने की प्रक्रिया काफी जटिल है,सक्रीइंग में सफल होने के बाद ही प्लेटलेट्स डोनेट किया जा जाता है,जांच करने में करीब 2 घंटे व डोनेट करने में लगभग 1 से 1.5 घंटे का समय लगता हैं। सभी लोग सक्रीइंग में सफल नहीं हो पाते है जिस कारण सभी लोग प्लेटलेट्स डोनेट नहीं कर सकते है।

संस्था के अध्यक्ष नवीन व उपाध्यक्ष प्रशांत यादव ने बताया कि प्लेटलेट्स डोनेट करने के लिए प्लेटलेट्स काउंट डाउन कम से कम डेढ़ लाख व हीमोग्लोबिन 12.5 ग्राम से अधिक होना चाहिए तभी प्लेटलेट्स डोनेट कर सकते।

हसनपुर निवासी रूपेश और संचालक कन्हैया कुमार  ने आम जन से अपील करते हुए कहा कि आपलोग भी किन्हीं के जीवन को बचाने के लिए रक्तदान करने के लिए आगे आइये क्योंकि रक्तदान करके एक साथ तीन जिंदगी बचाई जा सकती हैं।

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